दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ का तीसरा सबसे छोटा जिला है, जिसे दक्षिण बस्तर के नाम से भी जाना जाता है और यह प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।
दंतेवाड़ा के हरे-भरे जंगल, प्राचीन नदियाँ और विविध वन्य जीवन उन लोगों के लिए एक अभयारण्य प्रदान करते हैं जो महान बाहरी ख़ूबसूरती के वैभव में डूब जाना चाहते हैं।
ढोलकल गणेश एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थल है जो इस क्षेत्र के लिए एक प्रमाण के रूप में खड़ा है, और माँ दंतेश्वरी मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के हरे-भरे वनों के बीच स्थित ढोलकल गणेश मंदिर, दिव्यता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह मंदिर सदियों पुरानी परंपराओं और आस्था क...
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